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पृथ्वी पर बढ़ता तापमान ग्लोबल वार्मिंग की चेतावनी

पृथ्वी पर बढ़ता तापमान – ग्लोबल वार्मिंग की चेतावनी

आज पूरी दुनिया एक गंभीर संकट की ओर बढ़ रही है, जिसका नाम है – ग्लोबल वार्मिंग। जलवायु परिवर्तन अब केवल एक भविष्य की चेतावनी नहीं, बल्कि एक वर्तमान वास्तविकता बन चुका है। IPCC (Intergovernmental Panel on Climate Change) की ताज़ा रिपोर्ट्स यह साफ़ तौर पर दिखा रही हैं कि अगर हमने अभी भी कदम नहीं उठाए, तो इसका असर आने वाली पीढ़ियों पर विनाशकारी होगा।

क्या है ग्लोबल वार्मिंग?

ग्लोबल वार्मिंग का अर्थ है – पृथ्वी के औसत तापमान में लगातार वृद्धि। यह वृद्धि मुख्यतः ग्रीनहाउस गैसों (जैसे – CO₂, मीथेन, नाइट्रस ऑक्साइड) के कारण होती है, जो मानव गतिविधियों से वातावरण में बढ़ रही हैं।

तापमान बढ़ने के मुख्य कारण

  1. कोयला, पेट्रोल और डीज़ल का अत्यधिक उपयोग
    फैक्ट्रियों, गाड़ियों और थर्मल पावर प्लांट्स से निकलने वाली गैसें वातावरण को गर्म कर रही हैं।
  2. पेड़ों की अंधाधुंध कटाई (Deforestation)
    जंगल CO₂ को अवशोषित करते हैं, लेकिन जंगलों के कटने से यह गैसें वातावरण में ही रह जाती हैं।
  3. प्लास्टिक और कचरे का जलना
    प्लास्टिक जलाने से भी हानिकारक गैसें वातावरण में फैलती हैं।
  4. अत्यधिक निर्माण कार्य और शहरीकरण
    शहरों में हरियाली घट रही है, जिससे हीट आइलैंड इफ़ेक्ट बढ़ रहा है।

IPCC की ताज़ा चेतावनी

  • अगर दुनिया ने कार्बन उत्सर्जन को नियंत्रित नहीं किया, तो 2100 तक तापमान 2°C से ज्यादा बढ़ सकता है।
  • इससे बर्फ तेजी से पिघलेगी, समुद्र स्तर बढ़ेगा और कई द्वीप डूब सकते हैं।
  • दुनिया में अत्यधिक गर्मी, सूखा, बाढ़ और तूफानों की घटनाएं लगातार बढ़ेंगी।

ग्लोबल वार्मिंग का असर

  1. ग्लेशियर पिघलना और समुद्र स्तर बढ़ना
    इसका असर तटीय शहरों और छोटे द्वीपों पर पड़ेगा।
  2. असामान्य मौसम
    जैसे – बेमौसम बारिश, लंबे समय तक सूखा, भीषण गर्मी की लहरें।
  3. फसल उत्पादन में गिरावट
    जिससे खाद्य संकट और महंगाई बढ़ सकती है।
  4. जैव विविधता पर खतरा
    हजारों प्रजातियाँ विलुप्त होने की कगार पर हैं।
  5. स्वास्थ्य समस्याएँ
    गर्मी से जुड़ी बीमारियाँ और संक्रामक रोगों का फैलाव तेजी से हो रहा है।

क्या समाधान है?

  1. नवीकरणीय ऊर्जा (सौर, पवन आदि) का उपयोग बढ़ाना
  2. पेड़ लगाना और जंगलों की रक्षा करना
  3. प्लास्टिक और फॉसिल फ्यूल का उपयोग कम करना
  4. साइकिल या पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल
  5. ऊर्जा दक्ष उपकरणों का उपयोग
  6. हर स्तर पर जागरूकता फैलाना

ग्लोबल वार्मिंग कोई दूर की बात नहीं – यह आज का सच है। अगर हम सभी मिलकर अभी से छोटे-छोटे कदम उठाएं, तो आने वाली पीढ़ियों के लिए एक बेहतर भविष्य तैयार कर सकते हैं।
प्रकृति की रक्षा करना हमारा कर्तव्य भी है और ज़रूरत भी।

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