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Haridwar Uttrakhand : गंगा की गोद में धर्म, भक्ति और मोक्ष का द्वार

हरिद्वार यात्रा: गंगा की गोद में धर्म, भक्ति और मोक्ष का द्वार

हरिद्वार, उत्तराखंड में स्थित एक प्राचीन धार्मिक नगर है जो हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है। यह वह स्थान है जहाँ गंगा नदी, हिमालय से उतरकर मैदानों में प्रवेश करती है और भक्तों को अपने निर्मल जल से पावन करती है। हरिद्वार को ‘मोक्षदायिनी नगरी’ भी कहा जाता है, जहाँ स्नान करने मात्र से ही पापों से मुक्ति मिलती है।

हरिद्वार का धार्मिक महत्व

पुराणों में वर्णित है कि समुद्र मंथन के समय अमृत की कुछ बूंदें हरिद्वार में गिरी थीं। तभी से यह स्थान कुंभ मेले का प्रमुख केंद्र बन गया। यह स्थान चारों धामों में से एक — हर की पौड़ी — के लिए प्रसिद्ध है।

स्कंद पुराण में कहा गया है:
“हरिद्वारे निवासं कुर्वन्ति देवताः।”
(हरिद्वार में देवताओं का वास होता है।)

हर की पौड़ी: भक्ति और विश्वास का संगम

हर की पौड़ी हरिद्वार का सबसे प्रसिद्ध घाट है जहाँ प्रतिदिन संध्या को होने वाली गंगा आरती एक अलौकिक दृश्य प्रस्तुत करती है। हजारों दीये गंगा में प्रवाहित होते हैं और पूरा वातावरण “हर हर गंगे” की गूंज से भर जाता है।

गंगा आरती का समय:

  • सुबह: लगभग 5:30 बजे
  • शाम: सूर्यास्त के समय (6:30 से 7:30 बजे तक, मौसमानुसार)

प्रमुख धार्मिक स्थल

  1. चंडी देवी मंदिर – नील पर्वत पर स्थित, रोपवे (उड़न खटोला) द्वारा पहुँचा जा सकता है।
  2. मनसा देवी मंदिर – शांतिकुंज के पास स्थित, मनोकामना पूर्ति के लिए प्रसिद्ध।
  3. माया देवी मंदिर – हरिद्वार की अधिष्ठात्री देवी का मंदिर।
  4. दक्ष प्रजापति मंदिर – कनखल क्षेत्र में, भगवान शिव से जुड़ा प्रमुख स्थल।
  5. शांतिकुंज आश्रम – गायत्री परिवार का केंद्र, ध्यान और साधना के लिए प्रमुख स्थान।

हरिद्वार कैसे पहुँचें?

  • रेल मार्ग: हरिद्वार रेलवे स्टेशन दिल्ली, लखनऊ, देहरादून आदि शहरों से सीधे जुड़ा है।
  • सड़क मार्ग: NH-58 द्वारा दिल्ली से हरिद्वार लगभग 5-6 घंटे में पहुँचा जा सकता है।
  • वायु मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा जौलीग्रांट (देहरादून) है, जो हरिद्वार से 40 किमी दूर है।

रुकने की व्यवस्था

हरिद्वार में श्रद्धालुओं के लिए धर्मशालाओं, आश्रमों से लेकर 5-स्टार होटलों तक सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं।
प्रमुख आश्रम:

  • शांतिकुंज
  • भारत सेवाश्रम संघ
  • रामकृष्ण मिशन
  • कनखल क्षेत्र की धर्मशालाएँ

भोजन और प्रसाद

हरिद्वार में शुद्ध शाकाहारी भोजन ही परोसा जाता है। गंगा किनारे ठेले पर मिलने वाले कचौरी, जलेबी और आलू पूरी का स्वाद भक्तों के लिए खास होता है।

हरिद्वार कुंभ मेला

हर 12 वर्षों में कुंभ मेला का आयोजन होता है, जिसमें करोड़ों श्रद्धालु एकत्र होकर गंगा स्नान करते हैं। यह विश्व का सबसे बड़ा आध्यात्मिक आयोजन माना जाता है।

आध्यात्मिक अनुभव

हरिद्वार की यात्रा केवल स्नान या पूजा तक सीमित नहीं है। यह एक आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव है — जहाँ आप अपने भीतर के ईश्वर से जुड़ते हैं।
यहाँ की हवा में भी गंगा की भक्ति घुली होती है।

हरिद्वार वह स्थान है जहाँ धर्म, संस्कृति, और आस्था एक साथ जीवंत होती है। यदि आपने अभी तक इस पावन भूमि की यात्रा नहीं की है, तो जीवन में एक बार हरिद्वार अवश्य जाएं।

“हर की पौड़ी की एक शाम की आरती, जीवन भर की शांति दे जाती है।”

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