अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में भारत की भूमिका – एक उभरती शक्ति
एक समय था जब भारत को सिर्फ एक विकासशील देश के रूप में देखा जाता था, लेकिन अब वह वैश्विक व्यापार व्यवस्था में “Game Changer” बनकर उभर रहा है। डिजिटल क्रांति, उत्पादन क्षमता, और कूटनीतिक संतुलन के चलते भारत आज G20, BRICS, और WTO जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करा रहा है।
G20 में भारत – नेतृत्व की ओर एक कदम
- भारत ने 2023 में G20 की अध्यक्षता की, जो एक ऐतिहासिक मौका था।
- वसुधैव कुटुम्बकम् (One Earth, One Family, One Future) जैसे मंत्रों से भारत ने वैश्विक नीति में मानवीय मूल्यों को जोड़ने की कोशिश की।
- डिजिटल पेमेंट्स, क्लाइमेट फाइनेंस और ग्लोबल साउथ की आवाज़ बनने में भारत की भूमिका सराहनीय रही।
मुख्य बिंदु: भारत अब सिर्फ भागीदार नहीं, नीति निर्माता भी है।
BRICS – वैकल्पिक वैश्विक आर्थिक व्यवस्था में भारत की भागीदारी
- ब्राजील, रूस, भारत, चीन और साउथ अफ्रीका के इस समूह में भारत की भूमिका “संतुलन बनाने वाली शक्ति” की है।
- भारत तकनीक, ऊर्जा, और व्यापार के क्षेत्र में अपने अनुभव और संसाधनों के ज़रिए BRICS को मजबूत कर रहा है।
- नई करेंसी प्रस्ताव, वैश्विक विकास बैंक, और साउथ-साउथ कोऑपरेशन में भारत सक्रिय है।
मुख्य बिंदु: चीन और रूस जैसे देशों के बीच भारत का लोकतांत्रिक संतुलन BRICS की नीति को स्थिर बनाता है।
WTO (विश्व व्यापार संगठन) में भारत की आवाज़
- WTO में भारत लगातार कृषि सब्सिडी, बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR), और डिजिटल व्यापार नियमों पर विकासशील देशों के हित की बात करता रहा है।
- ई-कॉमर्स और डेटा लोकलाइजेशन जैसे मुद्दों पर भारत वैश्विक मंच पर खुलकर बोल रहा है।
मुख्य बिंदु: भारत WTO में वैश्विक दक्षिण (Global South) की आवाज़ बनकर उभरा है।
भारत की वैश्विक व्यापारिक ताकत – कुछ आँकड़े
- भारत का वर्ष 2023-24 में कुल निर्यात $770 बिलियन के पार पहुंच गया।
- प्रमुख निर्यात: फार्मास्यूटिकल्स, टेक्सटाइल, आईटी सेवाएं, जेम्स एंड ज्वेलरी।
- भारत ने कई Free Trade Agreements (FTAs) पर बातचीत तेज़ की है – यूरोप, UK, ऑस्ट्रेलिया के साथ।
भारत की ग्लोबल इमेज क्यों बेहतर हो रही है?
- डिजिटल इंडिया मॉडल को अब कई देश अपनाना चाहते हैं।
- मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया और ग्रीन एनर्जी इनिशिएटिव्स भारत को आधुनिक और ज़िम्मेदार अर्थव्यवस्था की छवि दे रहे हैं।
- कोविड काल में वैक्सीन डिप्लोमेसी के जरिए भारत ने “विश्वगुरु” की छवि मजबूत की।
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